एक नजर देखता हू हर एक को
एक नजर देखता हू हर एक को,मैं किसी को खास नहीं करता
जो मांगते हैं ला देता हू,ना कहकर बच्चों को उदास नहीं करता
एक बात अक्सर पूछते हैं लोग मुझसे,क्या राज है मेरे खुश रहने का
तो बताता हू ध्यान से सुनना,मैं किसी से कोई आस नहीं करता
मुझमे कमियां बताने वालों को,मैं अपना अजीज यार बना लेता हू फिजूल तारीफें करने वालों का,मैं जरा भी सिपास नहीं करता
छोटा,बड़ा,अमीर,गरीब सब बेझिझक मिलते है,मुझ नाचीज़ से
कोई हिचकिचाए मिलने के लिए,मैं अपना ऐसा लिबास नहीं करता
घर मे जब भी कोई विवाद होता है,झुकने की पहल मुझसे होती हैं
जहाँ छुपी हो जीत हारने मे,मैं वहां जीतने का प्रयास नहीं करता
सिपास=शुक्रिया
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Oct-2022 08:20 PM
हूँ या हूं होगा जी
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Oct-2022 08:20 PM
बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ
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Gunjan Kamal
05-Oct-2022 06:58 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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